Categories of Indian Courts in terms of jurisdiction Section 3 CPC,
न्यायालय के क्षेत्राधिकार 4 तरह के होते हैं |
- विषयवस्तु सम्बन्धी क्षेत्राधिकार
- स्थानीय या प्रादेशिक क्षेत्राधिकार
- आर्थिक क्षेत्राधिकार
- आरम्भिक तथा अपीलीय क्षेत्राधिकार
विषय वस्तु सम्बन्धी क्षेत्राधिकार विभिन्न प्रकार के न्यायालयों को विभिन्न प्रकार के कार्य सौंपे गए हैं लघुवाद न्यायालयों केवल अविवादस्पद प्रकार के वाद जैसे वचनपत्र (च्तवउपेवतल छवजमे) बंधपत्र (ठवदके) पर दिए ऋण परन्तु विभाजन, व्यादेश, संविदा के विशिष्ट अनुपालन आदि के लिए लाये जाने वाले वादों के परीक्षण का क्षेत्राधिकार नहीं हैं। इस प्रकार इच्छापत्रीय विषय, तलाक, संरक्षकता के मामले, शोध क्षमता की कार्यवाहियों से सम्बन्धित मामले केवल जिला न्यायालयों में सुने जा सकते हैं
स्थानीय या प्रादेशिक क्षेत्राधिकार - किसी न्यायालय का प्रादेशिक क्षेत्राधिकार सरकार द्वारा नियत किया जाता है उस परिसीमा के बाहर उसका कोई क्षेत्राधिकार नहीं होता, जिला न्यायाधीश को अपने जिले में क्षेत्राधिकार प्राप्त है।आर्थिक क्षेत्राधिकार - जब कोई न्यायालय विशेष उसे प्रदत्त विशिष्ट रकम तक के मूल्य के वादो को ही सुनने के लिए प्राधिकृत होगा।
(1) सिविल जस्टिस ऑफिसर (क.ख.) 25,000/- तक
(2) सिविल न्यायाधीश (क. ख.) (3) जिला न्यायाधीश - अपरमित्त । 50,000/- तक
आरम्भिक तथा अपीलीय क्षेत्राधिकार - कुछ न्यायालय केवल आरम्भिक या अपीलीय क्षेत्राधिकार का ही प्रयोग कर सकते हैं। मुन्सिक एवं लघुवाद न्यायालय, व्यवहार न्यायालय जिला न्यायालय, उच्च न्यायालयों को अपीलीय शक्तियों प्रदान की गयी हैं।
आर्थिक प्रादेशिक एवं विषयवस्तु सम्बन्धी क्षेत्राधिकार की दृष्टि से भारतीय न्यायालयों को विभिन्न श्रेणीयों में विभक्त किया गया है।
क्षेत्राधिकार की दृष्टि से यद्यपि प्रत्येक न्यायालय अपने-अपने क्षेत्राधिकार में स्वतंत्र हैं लेकिन अधीक्षण एवं नियंत्रण की दृष्टि से प्रायः प्रत्येक न्यायालय एक दूसरे की अधीनस्थतता में होता है।
Section 3 CPC न्यायालयों की अधीनस्थता (Subordination of Courts) -इस सहिता के प्रयोजन के लिए जिला न्यायालय उच्च न्यायालय के अधीनस्थ है एवं जिला न्यायालय से अपर श्रेणी के प्रत्येक व्यवहार न्यायालय और प्रत्येक लघुवाद न्यायालय उच्च न्यायालय व जिला न्यायालय के अधीनस्थ है।
न्यायिक निर्णयों की बाध्यता के अनुसार न्यायालयों की अधीनस्थता
आप पढ़ रहे हैं Categories of Indian Courts in terms of jurisdiction Section 3 CPC अर्थात क्षेत्राधिकार के आधार पर भारतीय न्यायालयों के अंग
0 टिप्पणियाँ
Thank You Any help and Support For GST Free Contact on mrdgour2@gmail.com