कैसे होती है वोटों की गिनती ?, वोटो की गिनती वाले हॉल में अंदर कौन-कौन मौजूद होता है ?

kaise hoti hai voto ki ginti


Q 1: मतगणना का प्रोटोकॉल क्या होता है?

Ans: रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट-1951 के सेक्शन 128 और 129 के मुताबिक, मतगणना से जुड़ी जानकारी को गुप्त रखना बहुत जरूरी है। मतगणना से पहले कौन से अधिकारी किस निर्वाचन क्षेत्र की और कितने नंबर के टेबल पर गिनती करेंगे, ये सारी जानकारी पहले नहीं बताई जाती है। 
सुबह 6 बजे तक सभी अधिकारियों को मतगणना सेंटर पहुंचना होता है। इसके बाद जिले के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मतगणना केंद्र के रिटर्निंग ऑफिसर रैंडम तरीके से सुपरवाइजर और कर्मचारी को हॉल नंबर और टेबल नंबर अलॉट करते हैं।

किसी एक मतगणना हॉल में काउंटिंग के लिए 14 टेबल और 1 टेबल रिटर्निंग अधिकारी के लिए लगा होता है। किसी हॉल में 15 से ज्यादा टेबल लगाने के नियम नहीं है। हालांकि, विशेष परिस्थिति में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर टेबल की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

Q 2:वोटों की गिनती कब शुरू होती है और कितना समय लगता है?

Ans: इलेक्शन कमीशन के मुताबिक वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होती है। किसी विशेष परिस्थिति में समय में बदलाव भी किया जा सकता है। सबसे पहले बैलेट पेपर और ETPBS यानी इलेक्ट्रानिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम के जरिए दिए गए वोटों की गिनती होती है।

इस माध्यम से आमतौर पर सरकारी कर्मचारी वोट करते हैं। सर्विस वोटर में सैनिक, चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी, देश के बाहर कार्यरत सरकारी अधिकारी और प्रिवेंटिव डिटेंशन में रहने वाले लोग होते हैं। इस प्रक्रिया में करीब आधे घंटे का समय लगता है।

साढ़े आठ बजे के बाद सभी टेबलों पर एक साथ EVM के वोटों की काउंटिंग शुरू होती है। मतगणना केंद्र पर मौजूद रिटर्निंग ऑफिसर यानी RO प्रत्येक राउंड की गिनती के बाद रिजल्ट बताते हैं और इसे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी अपडेट किया जाता है। मतों की गिनती का पहला रुझान सुबह 9 बजे से आना शुरू हो जाएगा।

चुनाव आयोग के मुताबिक, EVM के वोटों के अंतिम 2 राउंड की गिनती तभी की जा सकती है, जब निर्वाचन क्षेत्र के सभी डाक मतपत्र पहले ही गिने जा चुके हों। साफ है कि EVM पर वोटों की गिनती में लगने वाला समय वास्तव में इस बात पर भी निर्भर करता है कि मैनुअली डाक मतपत्रों की गिनती में कितना समय लगता है। एक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक ही काउंटिंग सेंटर होता है संसदीय क्षेत्र के लिए मतगणना एक से ज्यादा जगहों पर भी की जा सकती है।

Q 3: हर उम्मीदवार के कितने एजेंट हॉल में मौजूद रह सकते हैं?

Ans. वोटों की गिनती  के दौरान सभी टेबलों पर हर उम्मीदवार की ओर से एक एजेंट होता है। वहीं एक एजेंट रिटर्निंग ऑफिसर के पास बैठता है। इस तरह एक हॉल में किसी भी उम्मीदवार की ओर से 15 से ज्यादा एजेंटों को मौजूद रहने की अनुमति नहीं दी जाती है। विशेष परिस्थिति में टेबल की संख्या बढ़ाए जाने पर एजेंटों की संख्या बढ़ सकती है।

Q4: वोटों की गिनती के दौरान उम्मीदवारों के एजेंटों की नियुक्ति कौन करता है?

Ans: उम्मीदवार खुद अपने एजेंट चुनता है और स्थानीय निर्वाचन अधिकारी से अप्रूव करवाता है। निर्वाचन संचालन अधिनियम 1961 के प्रारूप- 18 में इस तरह के नियुक्ति की बात कही गई है। मतगणना एजेंटों की लिस्ट नाम और फोटो सहित काउंटिंग की तारीख से तीन दिन पहले जारी की जाती है।